मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में न्यायाधीश मध्यस्थ की नियुक्ति के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
प्रधान जिला न्यायाधीश मध्यस्थता प्रशिक्षित न्यायिक अधिकारियों की आवश्यकता और उपलब्धता के आधार पर प्रत्येक जिले / तालुक में दो से अधिक न्यायिक अधिकारियों को नामित करेगा।
‘न्यायाधीश-मध्यस्थ’ को 40 वर्ष की आयु पूरी होनी चाहिए और न्यायिक सेवा में कम से कम दस वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
न्यायाधीश-मध्यस्थ को प्रत्येक कार्य गुरुवार को सायं 4.30 बजे से सायं 5.30 बजे के बीच उसे संदर्भित मामलों की मध्यस्थता करेगा।
कार्यवाही प्रपत्र का मध्यस्थता अभिलेख स्वयं न्यायाधीश-मध्यस्थ द्वारा भरा जाएगा जिसकी आपूर्ति जिला मध्यस्थता केंद्र के नोडल अधिकारी द्वारा की जाएगी।
न्यायाधीश-मध्यस्थ को मध्यस्थता सत्र को मध्यस्थता कक्ष में या न्यायालय परिसर के भीतर किसी अन्य सुविधाजनक स्थान पर आयोजित करना होगा। यदि कोई स्थान उपलब्ध नहीं है, तो न्यायाधीश-मध्यस्थ एक सामान्य तालिका का उपयोग करके मध्यस्थता सत्र का संचालन करेगा।