नूपुर शर्मा से मिलना चाहते हैं नीदरलैंड के गीर्ट वाइल्डर्स
नीदरलैंड में प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे चल रहे दक्षिणपंथी नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के लिए एक मैसेज लिखा है। इसमें उन्होंने नूपुर को समर्थन देने के साथ ही उनसे मिलने की इच्छा जताई है।
गीर्ट ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा- मैंने बहादुर नूपुर को समर्थन देने के लिए उन्हें एक पर्सनल मैसेज भेजा है। उन्हें सच बोलने पर इस्लामवादी सालों से डरा-धमका रहे हैं। पूरी दुनिया में जो भी लोग आजादी का समर्थन करते हैं, उन्हें नूपुर को सपोर्ट करना चाहिए। मैं एक दिन भारत यात्रा के दौरान उनसे मिलना चाहता हूं।
उन्होंने आगे कहा- हम आम सहमति बनाने वाले देश हैं। हमारे देश में ज्यादा दक्षिणपंथी लोग नहीं हैं और न कभी होंगे। प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे देश के नागरिक नजरअंदाज हो रहे हैं।
गीर्ट बोले- प्रधानमंत्री बनने के बाद कुरान, मस्जिदों पर बैन नहीं लगाऊंगा
इससे पहले BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, गीर्ट ने कहा था- मैंने अपने मेनिफेस्टो में कुरान, इस्लाम से जुड़े स्कूल, मस्जिदों को बैन करने की बात कही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हमने अपनी सरकार को उदारवादी बनाने के लिए यह फैसला लिया है। हालांकि हम अब भी सार्वजनिक जगहों पर इस्लामी स्कार्फ (हिजाब) पहने जाने के खिलाफ हैं।
गीर्ट वाइल्डर्स उन चंद लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने साल 2022 में पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए नूपुर शर्मा के बयान पर उनका बचाव किया था। गीर्ट ने कहा था कि नूपुर को पैगंबर मोहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए कभी माफी नहीं मांगनी चाहिए।
गीर्ट ने कहा था- नूपुर शर्मा को नोबेल मिले; पाकिस्तान में आतंक का राज
उन्होंने एक ट्वीट कर नूपुर के बयान का पुरजोर समर्थन किया था। गीर्ट ने नूपुर को हीरो बताया था। गीर्ट ने आगे कहा था- नूपुर शर्मा पर दुनिया को गर्व होना चाहिए। उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए। भारत एक हिंदू देश है और भारत सरकार को इस्लामी नफरत के खिलाफ हिंदुओं की रक्षा करनी चाहिए।
गीर्ट ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने पर भी भारत सरकार का समर्थन किया था। वाइल्डर्स ने कहा था- भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जबकि पाकिस्तान में आतंक का राज है। आर्टिकल 370 को हटाना सही फैसला है और दुनिया को इसका समर्थन करना चाहिए। ये भारत का आंतरिक मसला है। हमें कश्मीरी पंडितों के घर वापसी का स्वागत करना चाहिए। भारत के नेतृत्व में वहां के लोगों का बेहतर विकास होगा।
नीदरलैंड में गीर्ट की पार्टी को मिली सबसे ज्यादा सीटें
पिछले साल नीदरलैंड में मार्क रुटे की सरकार गिरने के बाद नीदरलैंड में फ्रीडम पार्टी (PVV) के इस्लाम-विरोधी नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने आम चुनाव में जीत हासिल की थी। उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि बहुमत नहीं होने की वजह से गीर्ट फिलहाल गठबंधन की कोशिश में लगे हुए हैं।
नीदरलैंड की संसद में 150 सीटें हैं। PVV को आम चुनाव में 37 सीटें मिली थीं। सरकार बनाने के लिए पार्टी को 76 सांसदों का समर्थन चाहिए। गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक गीर्ट इस वक्त 3 दूसरी पार्टियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिससें उन्हें 41 सीटें मिल सकती हैं।
गीर्ट ने कहा था- प्रवासियों को देश में नहीं आने दूंगा
पॉलिटिको के मुताबिक, गीर्ट की जीत का यूरोप की राजनीति पर गहरा असर पड़ेगा। गीर्ट यूरोपियन यूनियन से भी नीदरलैंड को हटाना चाहते हैं। नीदरलैंड के चुनावों में शरणार्थी एक अहम मुद्दा थे। गीर्ट ने चुनावी कैंपेन के दौरान ये स्पष्ट कर दिया था कि वो शरण मांगने वाले प्रवासियों को देश में नहीं आने देंगे।
पिछले साल नीदरलैंड आने वाले शरणार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 2.20 लाख तक पहुंच गई थी। रूस-यूक्रेन जंग इसकी एक बड़ी वजह थी। गीर्ट वाइल्डर्स की इस्लाम विरोधी बयानबाजी PVV के चुनावी अभियान का हिस्सा रही है।
जानिए कौन हैं नूपुर शर्मा, जिनसे गीर्ट वाइल्डर्स मिलना चाहते हैं
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने साल 2022 में एक टीवी डिबेट में पैगंबर के बारे में विवादित टिप्पणी की, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए थे। पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद भाजपा ने नूपुर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
नूपुर शर्मा 2015 में वह पहली बार चर्चा में आई थीं। भाजपा ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा था। वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 2008 में ABVP की ओर से छात्र संघ चुनाव जीतने वाली नूपुर एकमात्र उम्मीदवार थीं।
2010 में नूपुर छात्र राजनीति से निकलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में सक्रिय हुईं। उन्हें मोर्चा में राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी का जिम्मा सौंपा गया। लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से पढ़ाई करने वाली नूपुर पेशे से वकील भी हैं। इसके अलावा उन्होंने बर्लिन से भी पढ़ाई की है।