अमृतसर में लगे नवजोत सिंह सिद्धू के लापता होने के पोस्टर
पंजाब के अमृतसर पूर्वी सीट से कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। पंजाब के मुखिया कैप्टन अमरिंदर के साथ उनके रिश्ते पटरी पर नहीं दिख रहे हैं। कल ही उन्होंने दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य इकाई में अंदरूनी कलह को हल करने के लिए गठित पार्टी की तीन सदस्यीय समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखा। इसके ठीक एक दिन के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र में उनके लापता होने के पोस्टर चिपके हुए दिखे। सिद्धू की तस्वीर वाले पोस्टरों में पूर्व मंत्री को खोजने वालों के लिए 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। अमृतसर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के रसूलपुर इलाके में बुधवार सुबह एक दर्जन घरों की दीवारों और बिजली के खंभों पर पोस्टर चिपकाए गए। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
पोस्टरों की जिम्मेदारी लेते हुए स्थानीय एनजीओ बाबा दीप सिंह लोक सेवा सोसाइटी चलाने वाले अनिल वशिष्ठ ने कहा, “सिद्धू का निर्वाचन क्षेत्र कचरे से अटा पड़ा है। लोग यहां नर्क में रह रहे हैं। जब से कोविड प्रतिबंध लगाए गए थे, उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने उन्हें नहीं देखा।” उन्होंने कहा, “अमृतसर के लोगों ने उन्हें पहले सांसद और फिर विधायक बनाया, लेकिन उन्होंने पवित्र शहर के लिए कुछ नहीं किया। जब वे अमृतसर से सांसद चुने गए तो युवाओं को उनसे उम्मीदें थीं। स्थानीय लोगों की शिकायत रही है कि सिद्धू ने कभी उनकी बात सुनने और उनकी शिकायतों का निवारण करने की जहमत नहीं उठाई।”
नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर 2015 बेअदबी और पुलिस फायरिंग के मामलों में बादल परिवार को बचाने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने कोटकपूरा मामले की जांच में गड़बड़ी के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।