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सचिन तेंदुलकर ने बताया, उन्हें इंटरनेशनल करियर में किन दो बातों का है हमेशा रहेगा मलाल

दुनिया के महान बल्लेबाजों में शामिल भारत के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 24 सालों तक इंटरनेशनल क्रिकेट पर राज किया। उन्होंने इस दौरान कई रिकॉर्ड बनाए। सचिन दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिनके नाम 100 इंटरनेशनल सेंचुरी है। उन्होंने इंटरनेशल क्रिकेट में 34,000 से अधिक रन बनाए हैं। टेस्ट में उनके नाम 15,921 और वनडे में उनके नाम 18,463 रन है। वर्ल्ड कप 2011 में भारत ने एमएस धोनी की अगुवाई में खिताब जीता था।

सचिन तेंदुलकर ने  हाल में बताया था कि वर्ल्ड कप 2011 में भारत की जीत का दिन उनके क्रिकेट जीवन का सर्वश्रेष्ठ दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन उनका सबसे बड़ा सपना सच हुआ था। भारत ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को फाइनल में हराकर दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। भारत की तरफ से 664 इंटरनेशनल मैच बखेलने वाले तेंदुलकर ने बताया कि उन्हें अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में किन दो बातों का मलाल है।

सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मुझे दो बातों का मलाल है। पहला ये कि मैं कभी भी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया। जब मैं बड़ा हो रहा था गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो थे। एक टीम के तौर पर उनके साथ नहीं खेलने का हमेशा मलाल रहेगा। वो मेरे इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू से कुछ साल पहले रिटायर्ड हुए। मेरे बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खलेने का मेरा दूसरा मलाल है। मैं भाग्यशाली था कि मैं उनके खिलाफ काउंटी क्रिकेट में खेल पाया। लेकिन मुझे अब भी उनके खिलाफ एक इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाने का मलाल है। भले ही रिचर्ड्स साल 1991 में रिटायर्ड हुए और हमारे करियर में कुछ साल ओवरलैपिंग के हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला।

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